Category: आप कैसे हैं पहाड
अस्कोट(पिथौरागढ़): बरसात का मौसम दस्तक देने लगा है। इसके साथ ही पहाड़ के उन सैकड़ों गांवों में दहशत व्याप्त होने लगी है जो दैवीय आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं, लेकिन राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र अभी तक इन गांवों में से केवल एक तिहाई गांवों का ही सर्वे…
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भीमताल: मानसून में बरस रहे मेघों का रुख देख भू-विज्ञानी भूस्खलन के लिहाज से कुमाऊं के तमाम इलाकों की संवेदनशीलता के मद्देनजर चिंतित हैं। पिथौरागढ़, बागेश्वर व अल्मोड़ा के साथ ही नैनीताल के तमाम क्षेत्र खतरे के मुहाने पर हैं। जिले का पूरा ओखलकांडा ब्लॉक तो संवेदनशील श्रेणी में है…
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संरक्षणकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि दुनिया की सबसे वज़नदार पक्षियों में से एक सोन चिरैया की प्रजाति लुप्त होने की कगार पर है. सोन चिरैया एक मीटर उंची होती है और इसका वज़न 15 किलो होता है. इंटरनेश्नल यूनियन फ़ॉर कंज़र्वेशन ऑफ़ नेचर का कहना है कि अब केवल…
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एजेंसी. शिमला। हरी-भरी वादियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर हिमाचल प्रदेश के वन घटते जा रहे हैं। वनों के घटने के साथ-साथ प्रदेश के जल संसाधनों में कमी आ रही है और यहां का पर्यावरण तेजी से बदल रहा है। इन सभी बातों ने पर्यावरणविदों की चिंता बढ़ा दी…
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पहाड़ों से लगातार हो रहे पलायन से गांव के गांव बंजर हो रहे हैं, जो चिंता की बात है। पहाड़ को बचाने के लिए मजबूत नीतियां बनाकर समाज व सरकार को संगठित प्रयास करने होंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य व बेरोजगारी जैसी बुनियादी समस्याओं के चलते पहाड़ों से लगातार पलायन हो…
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कांगड़ा। मौसम के बदलते मिजाज के साथ ही पौंग झील में विदेशी परिंदों ने दस्तक दे दी है। सुबह शाम पक्षियों की चहचहाहट से पौंग झील का वातावरण खुशगवार हो उठा है। पौंग झील में सावेरिया, चीन आदि देशों में ठंड बढ़ने के साथ ही बर्फ पड़ जाने से…
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