Category: पर्वतनामा

February 9, 2014 pcadm 0

लद्दाख में आपका स्वागत है।

लामाओं की भूमि लद्दाख आपको प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ रोमांच भी प्रदान करता है. अगर आप सड़क यात्रा द्वारा मनाली से रोहतांग पास होते हुए अपनी यात्रा तय करेंगे तो आपका रास्ता सीढ़ीनुमा होने के साथ-साथ उतराई-चढ़ाई से भरपूर होगा जहाँ रास्ते में आए दर्रे आपको अपने नैसर्गिक सौंदर्य से…

Read More

December 2, 2013 pcadm 0

चाँचुरी – कुमाऊँ का नृत्य गीत

चाँचरी – चाँचरी अथवा चाँचुरी कुमाऊँ का समवेत नृत्यगीत है । इस नृत्य की विशेषता यह है कि इसमें वेश-भूषा की चमक-दमक अधिक रहती है । दर्शकों की आँखे नृतकों पर टिकी रहती है । ‘चाँचरी’ और झोड़ा नृत्य देखने में एक सा लगता है परन्तु दोनों की शैलियों में…

Read More

November 30, 2013 pcadm 0

आओ मिलकर झोड़े गाएं

झोड़ा कुमाऊं का सामूहिक नृत्य-गीत है । गोल घेरे में एक दूसरे की कमर अथवा कन्धों में हाथ डाले सभी पुरुषों के मंद, सन्तुलित पद-संचालन से यह नृत्य गीत प्रारम्भ होता है । वृत के बीच में खड़ा हुड़का-वादक गीत की पहली पंक्ति को गाता हुआ नाचता है, जिसे सभी…

Read More

November 28, 2013 pcadm 0

मां नंदा देवी का मेला

कुमाऊँ मंड़ल के अतिरिक्त भी नन्दादेवी समूचे गढ़वाल और हिमालय के अन्य भागों में जन सामान्य की लोकप्रिय देवी हैं। नन्दा की उपासना प्राचीन काल से ही किये जाने के प्रमाण धार्मिक ग्रंथों, उपनिषद और पुराणों में मिलते हैं। नन्दा के इस शक्ति रुप की पूजा गढ़वाल और कुमाऊँ दोनो…

Read More

June 6, 2013 pcadm 0

हिमाचल की चंद्रताल झील पर प्रदूषण की मार

कुल्लू (चंद्रताल) प्राकृतिक नजारे के लिए मशहूर लाहौल-स्पीति जिले की चंद्रताल झील प्रदूषण की मार से अछूती नहीं रही। कभी झील के नीले पानी में पहाड़ अपनी छवि से बात करते थे, आज मटमैला पानी इस दर्पण को खराब कर है। लाहौल-स्पीति के बातल से 14.5 किमी दूर स्थित चंद्रताल…

Read More

November 25, 2011 pcadm 0

उत्तराखंड में बहती बदलाव की बयार

उत्तराखंड के पंचायत चुनावों में इस बार रिकॉर्ड 55 फीसदी सीटों पर महिलाएं जीतकर आयी हैं.लेकिन महिला ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों का कहना है कि उनकी ज़िम्मेदारी ज़्यादा है और अधिकार कम. पंचायतों में महिलाओं का बढ़ता प्रतिनिधित्व यूं तो अच्छा संकेत माना जा रहा है. एक ज़माने में…

Read More

July 21, 2011 pcadm 0

दीर्घायु हैं हिमालय के हिमनद

हिमालय के बारे में पहले भी ऊल-जलूल घोषणाएँ और भविष्यवाणियाँ होती रही हैं लेकिन जब संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर बने अंतर्देशीय पैनल (आईपीसीसी) की 2007 में प्रकाशित चौथी रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि वर्ष 2035 तक हिमालय के हिमनद पूरी तरह पिघल जाएँगे। हिमालय की 4,300…

Read More

June 20, 2011 pcadm 0

हिमालय की तबाही वाली परियोजनाएं

आज दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के कारण संकट के बादल मंडरा रहे हैं लेकिन अन्य क्षेत्रों के मुकाबले हिमालय के पर्वतीय इलाकों में बढ़ते तापमान के असर सबसे साफ़ नज़र आ रहे है. एशिया और हिमालय की महानदियों- सिन्धु, गंगा और नू के तेज़ी से पिघलते ग्लेशियर इसका प्रत्यक्ष…

Read More