लद्दाख में आपका स्वागत है।
लामाओं की भूमि लद्दाख आपको प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ रोमांच भी प्रदान करता है. अगर आप सड़क यात्रा द्वारा मनाली से रोहतांग पास होते हुए अपनी यात्रा तय करेंगे तो आपका रास्ता सीढ़ीनुमा होने के साथ-साथ उतराई-चढ़ाई से भरपूर होगा जहाँ रास्ते में आए दर्रे आपको अपने नैसर्गिक सौंदर्य से अप्रतिम कर देंगे.
लद्दाख घूमने का सही समय जून से सितंबर के बीच है. लद्दाख में घूमने की कई जगह है जैसे की राजा सिंग्मे नामग्याल द्वारा सन 1645 में बनवाया गया लेह पैलेस, नामग्याल पहाड़ी पर स्थापित विजय स्तूप, नामग्याल त्सेमो मठ, फियांग मठ गोम्पा, पूर्वी इलाके में स्थित जापानी मंदिर इत्यादि. लद्दाख अपने लद्दाखी महोत्सव के लिए भी मशहूर है जो हर वर्ष सितंबर के पहले पखवाड़े में पूरे लद्दाख में जगह-जगह आयोजित किया जाता है.
लेह के आसपास कई मठ हैं. उत्तर दिशा में शंकर मठ है और अगर हम लेह से बीस किमी दूर हेमिस मठ जाएं तो रास्ते में थिकसे मठ और स्ताकना मठ पड़ता है. लेह से 65 किमी दूर आलची मठ अवलोकितेश्वर की बीस फीट ऊंची मूर्ति के लिए विख्यात है. लद्दाख क्षेत्र का सबसे प्राचीन लामायारू मठ लेह से सवा सौ किलोमीटर दूर है.