अब विश्व धरोहर हैं पश्चिमी घाट
देश के दक्षिण पश्चिम सागर तट पर 1600 किलोमीटर तक फैले घाट देश की धरोहर तो थे ही, अब विश्व की धरोहर बन गए हैं। ये हरी-भरी वादियां और हिमालय से भी करोड़ों साल पुरानी हैं। यूनेस्को ने अब इन्हें अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया है। यहां दौड़ने वाली कोंकण रेलवे की ट्रेनों में सफर करना भी एक खूबसूरत एहसास है। यह पर्वत श्रृंखला गुजरात से शुरु होकर महाराष्ट्र, कर्नाटक होती हुई गोवा और केरल तक फैली है। कन्याकुमारी इसका अंतिम छोर है।
संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की धरोहर समिति की बैठक साल में एक बार होती है। समिति दुनियाभर की उन प्राकृतिक और सांस्कृतिक महत्व की जगहों को इसमें शामिल करती है जो खास विशेषताएं लिए हों।