गैरसैंण जिला बनाने को आर-पार की लड़ाई
हालिया दिनों में प्रदेश में चार नये जिलों की घोषणा के बाद अब गैरसैंण को जिला बनाने की मांग को लेकर क्षेत्रवासी मुखर होने लगे हैं।
जिले की मांग को लेकर एक ओर जहां सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की मंडल ईकाई गैरसैंण ने 15 सितंबर तक गैरसैंण को जिला घोषित न करने की दिशा में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ज्ञापन प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री तक को प्रेषित कर दिया है। वहीं खंसर विकास संघर्ष समिति के सचिव अवतार सिंह के नेतृत्व में जिला सहित अन्य 40 मांगों को लेकर 3 सितंबर से अनशन का कार्यक्रम भी तय किया गया है। भाजपा मंडल ईकाई गैरसैंण के इस्तीफे की घोषणा को कांग्रेस पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रेम सिहं नेगी ने चुनावी नौटंकी करार देते हुए राजनैतिक माहौल को गरमा दिया है वहीं भाजपाइयों की इस्तीफे की पेशकश ने पार्टी हाईकमान मे हलचल मचा दी है। जिले की मांग पर भाजपा मंडल अध्यक्ष राम सिंह रावत का कहना है कि गैरसैंण को जिला पुर्नगठन समिति में शामिल करने के बावजूद घोषणा न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रमुख जानकी रावत कहती हैं कि विषम भौगोलिक परिस्थिति के बाद भी गैरसैंण की उपेक्षा की गयी है, जबकि नये घोषित जिलों में कई जिलों की मूल जनपदों से दूरी 40 किमी ही है। जिले के मुद्दे पर अवतार सिह पुंडीर कहते हैं कि क्षेत्रीय विकास की यह लड़ाई आरपार की होगी।
साभार दैनिक जागरण