Skip to content

लद्दाख में अब गंदगी का साम्राज्य

ladakh 2 ladakh 3 ladakh 4 ladakh 5देश के चुनिंदा पर्यटन स्थलों में लद्दाख का एक अलग ही स्थान है। अन्य पर्यटन स्थलों की तुलना में ये इसलिए अलग है क्योंकि दूसरे पर्यटन स्थलों पर लोग जहां केवल प्रकृति की अनुपम सुंदरता के दर्शन करते हैं वहीं लद्दाख में उन्हें प्रकृति के साथ-साथ इंसानी जीवनशैली भी आकर्षित करती है। लद्दाख अपनी अद्भुत संस्कृति, स्वर्णिम इतिहास और शांति के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। दुनिया भर से लाखों की संख्या में पर्यटक खूबसूरत मठों, स्तूपों और एतिहासिक धरोहरों को देखने के लिए हर साल यहां का रूख करते हैं।

लेकिन अब धीरे-धीरे हालात में परिवर्तन आ रहा है। कभी स्वच्छता का प्रतीक लद्दाख में अब गंदगी का साम्राज्य होता जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटकों की नजर अब सबसे पहले किसी सांस्कृतिक धरोहर या मठों पर नहीं बल्कि कूड़े-करकट के ढेर पर जाती है। लद्दाख में प्रवेश करते ही उनका स्वागत यत्र-सर्वत्र पड़े कूड़े के ढ़ेर से होता है। कभी स्वच्छ और शुद्ध वातावरण के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले इस क्षेत्र में गंदगी के बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। जिनमें एक पर्यटकों द्वारा फैलाई गई गंदगी भी है। इसमें कोई शक नहीं कि पर्यटन के कारण लद्दाख की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई है। लेकिन इसमें वृद्धि के कारण यहां के वातावरण पर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, उससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है। यहां आने वाले पर्यटक आम तौर पर खाने-पीने की चीजें डिब्बाबंद अथवा पैकेट का इस्तेमाल करते हैं और गंदगी यूं हीं सड़कों, पहाड़ों और नदियों में फेंक देते हैं। यही वजह है कि लद्दाख अब धीरे-धीरे कूड़े के ढ़ेर में बदलता जा रहा है। पर्यटन स्थानीय लोगों के रोजगार का एक बहुत बड़ा साधन है। सभी जानते हैं कि बर्फ के चादर से ढ़का यह क्षेत्र सर्दी में दो-तीन महीनों के लिए करीब करीब देश के अन्य भागों से बिल्कुल कट जाता है। इन महीनों में अत्याधिक बर्फबारी होने के कारण यहां आने वाले सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। ऐसे में पर्यटकों से होने वाले आय को देखते हुए स्थानीय लोग कूड़े-करकट फैलाने की उनकी हरकत को नजरअंदाज कर देते हैं। जिसका भयानक रूप आज लद्दाख में हर जगह देखने को मिल रहा है।

लद्दाख के प्रमुख पर्यटन स्थल लेह में कम से कम 500 से ज्यादा शॉप्स हैं और इन दुकानों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग खरीददारी करते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाना कठिन नहीं होगा कि इससे रोजाना कितनी गंदगी उत्पन्न हो सकती है।
ग्राहक चीजें इस्तेमाल करते हैं और उसके पैकेट सड़कों पर फेंक देते हैं। ये गंदगी उड़ती हुई पहाड़ों और घाटी के दूसरे हिस्सों में पहुंचती है, कुछ नदियों और नालों में प्रवाहित कर दी जाती हैं। जिनके सड़ने से हानिकारक गैसें उत्पन्न होती हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित होती हैं।

आवश्यकता है कि हम इस संबंध में लोगों को जागरूक करें उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। इस बात की कोशिश करें कि कचरे को उसके लिए बनाए गए विशेष डिब्बे में ही डालें ताकि सफाईकर्मियों को उसे लैंडफिल्ड तक ले जाने में सुविधा हो। देश के अन्य भागों की अपेक्षा लद्दाख में कचरे से निपटना ज्यादा आसान है क्योंकि यहां आबादी कम होने के कारण लैंडफिल्ड के लिए जमीन काफी उपलब्ध है। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया, स्कूल और गैर सरकारी स्वंयसेवी संस्थाएं बेहतर भूमिका अदा कर सकती हैं।ऐसा करके ही लद्दाख को पहले की तरह साफ और स्वच्छ बनाया जा सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

*
*