घट रही बर्फ से बंजर होता ऊं पर्वत
धारचूला दुनिया भर के पर्यटकों में अपनी खास पहचान रखने वाला ऊं पर्वत(छोटा कैलाश)अपनी नैसर्गिक सुंदरता खो रहा है। लगातार कम हो रही बर्फवारी से पर्वत पर दिखने वाली ऊं की आकृति अब कम दिखाई दे रही है। जिससे यहां आने वाले पर्यटक मायूस हैं।
उत्तराखंड की सीमांत तहसील धारचूला में स्थित ओम पर्वत हमेशा से पर्यटकों के लिए आश्चर्य और आकर्षण का केन्द्र रहा है। तिब्बत में स्थित कैलास नहीं जा सकने वाले तीर्थ यात्री ऊं पर्वत छोटा कैलास के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। तहसील मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर लगभग 15,500 फिट की ऊंचाई पर स्थित ऊं पर्वत की विशेष पहचान विशाल शिखर पर बर्फ की चादर से उभरने वाली ऊं की आकृति से ही है। ऊं की यह आकृति कई किलोमीटर दूर से देखी जा सकती है। यह लोगों के लिए आश्चर्य और जिज्ञासा का विषय बना रहता है कि पहाड़ी पर ऊं की आकृति किस तरह उभरी। जानकार लोग बताते है कि पुराणों में आठ प्रकार के ऊं की आकृतियां जिनमें से एक ऊं पर्वत पर अंकित है।
इस वर्ष जून से शुरू हुए पर्यटन सीजन से अब तक इस पर्वत पर ओम की पूरी आकृति का उभार नहीं आया। पिछले वर्षो तक यह धीमी ही सही लेकिन साफ दिखाई देती है। ऊं की आकृति का पूरा उभार नहीं होने से यहां आने वाले पर्यटक खासे मायूस दिखे। इस बदलाव से निराश कई पर्यटकों ने कहा है कि ओम पर्वत के स्वरूप में आ रहे बदलावों से पर्यटकों का रूख कम होगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि वातावरण में आ रही गर्मी से लगातार कम हो रहा हिमपात इसका मुख्य कारण है। ऊं पर्वत की सुंदरता और पहचान को बनाये रखना है तो इस ओर समय रहते ध्यान देना होगा।
साभार दैनिक जागरण