126 तरह के पक्षी कहते हैं शिमला को ‘गुड मॉर्निग’
एजेंसी. शिमला। पहाड़ों की रानी शिमला में कंक्रीट के जंगल होने के बावजूद आज भी पक्षियों के मॉर्निग कोरस (कलरव) की गूंज सुबह लोगों को जगा रही है। शिमला और आसपास की जगहों में उन्हें पक्षियों की 126 प्रजातियों की चहचहाहट सुनने को मिल रही है। शिमला और इससे सटे आठ किलोमीटर के दायरे में हुए सर्वे में यह बात सामने आई।
यह सर्वे प्रदेश वन विभाग के वाइल्ड लाइफ विंग और हिमाचल बर्डस फोरम ने पक्षी विशेषज्ञों के साथ मिलकर करवाया था। वर्ष 1946 में ह्यू व्हीस्लर के अनुसार शिमला और आसपास के इलाकों में 90, 2006 में 70 तरह की प्रजातियां देखी गई थीं, जबकि अब उन्हीं इलाकों में 126 तरह की प्रजातियां पाई गई।
इनमें कुछ पक्षी माइग्रेटरी हैं, जबकि कुछ होम बेस्ड हैं। शिमला में पक्षियों की प्रजातियों में हो रहे इजाफे में वातावरण में हो रहा बदलाव सबसे बड़ा कारण है। शोघी बाइपास में सबसे अधिक 53 और टूटीकंडी बाइपास में 33 तरह के पक्षी देखे गए।
विभाग और फोरम ने इस सर्वे के लिए चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल के जिन विशेषज्ञों को बुलाया था ।