पवित्र गंगा की सफाई के लिए 7000 करोड़ होंगे खर्च
सरकार ने 7000 करोड़ रूपये की लागत से गंगा नदी को राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण से साफ कराने की एक परियोजना को गुरुवार को मंजूरी दी। गंगा को साफ करने के लिए आने वाली इस लागत में से केन्द्र 5100 करोड़ रूपए के खर्च का वहन करेगा और उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारें शेष 1900 करोड़ रूपये का।
विश्व बैंक इस परियोजना के लिए केन्द्र सरकार को लगभग 4600 करोड़ रूपयों (एक अरब डालर) का कर्ज देने पर सहमत हो गया है। गंगा को साफ करने की इस परियोजना को पूरा करने की आठ साल की समय सीमा बांधी गई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले इस प्राधिकरण का उद्देश्य गंगा नदी का संरक्षण करना और इसकी नदी घाटी की व्यापक योजना तथा प्रबंधन के जरिए गंगा के पर्यावरणीय बहाव को सुनिश्चत करना है।
गंगा को साफ करने की पिछली परियोजनाओं की कमियों से सबक लेते हुए इस परियोजना को बनाया गया है। इसके तहत पर्यावरणीय नियमों का कड़ाई से पालन करना, नगर निगम के गंदे पानी के नालों, औद्योगिक प्रदूषण, कचरे और नदी के आस पास के इलाकों का बेहतर और कारगर प्रबंधन शामिल है।