केदारनाथ त्रासदी के निशान
गौरीकुंड में वक्त ठहरा हुआ है। 15-16 जून, 2013 को आई जल आपदा में पूरा गौरीकुंड तबाह हो गया। लगभग एक साल बाद भी यात्रियों की गाड़ियां वहीं पड़ी हैं जहां वे फंसी रह गई थीं। यह जगह गौरीकुंड में बड़ी पार्किंग के नाम से जानी जाती है।