सितारों से बात करती एक दूरबीन
नैनीताल। देवस्थल में स्थापित 1.3मीटर ऑप्टिकल टेलीस्कोप से कैद किए गए
ओरियन नेब्यूला (निहारिका), एनजीसी598 गेलेक्सी तथा स्टार ब्रस्ट गेलेक्सी एम82 चित्रों को वैज्ञानिक ब्रह्मांड के विस्तार तथा तारों की उत्पत्ति पर शोध कार्य के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक नेब्यूला (निहारिका) का जन्म दो तरह से होता है। एक विस्फोटित तारे से बने सुपरनोवा से उत्सर्जित होने वाले पदार्थों से तथा दूसरा ब्रह्मांड के जन्म के बाद ब्रह्मांड में फैलने वाले परमाणुओं, धूल और गैस के बादलों से। निहारिकाओं के बनने की गति आदि पर नजर रखने से ब्रह्मांड के विस्तार आदि के विषय में पता लगाया जा सकता है। जबकि गेलेक्सी का जन्म कई निहारिकाओं से मिलकर होता है।
हमारी मिल्की गेलेक्सी की तहर ही अनंत ब्रह्मांड में भी कई गैलेक्सियां मौजूद हैं। जिस तरह हमारी गैलेक्सी में करीब 200 अर ब तारें हैं उसी तरह अन्य गैलेक्सियों में इससे अधिक तारे भी हो सकते हैं। सुपर गैलेक्सी के नाम से जाने जाने वाली गैलेक्सी 70 से 1000 निहारिकाओं से मिलकर बनी है। गैलेक्सी के अध्ययन से भी ब्रह्मांड के विस्तार तथा नए ग्रहों की उत्पत्ति के संबंध में जानकारी होती है। ये निहारिकाएं और गैलेक्सी हमारी मिल्की गैलेक्सी से करीब 70 हजार प्रकाश वर्ष दूर होती हैं।