मौसम के मिजाज से किसान चिंतित
नैनीताल: इन दिनों मौसम के बदलते मिजाज व वर्षा नहीं होने से रबी फसल की बुआई प्रभावित हो रही है। इसके अलावा उपराऊ क्षेत्रों में पाले से जबर्दस्त नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। खासतौर पर मटर, लाई, पालक व आलू जैसी नगदी फसल प्रभावित हो चुकी है। वर्षा नहीं होने से गेहूं की बुआई भी कई स्थानों में अब तक नहीं हो सकी है।
अक्टूबर व नवंबर में वर्षा होने के बाद कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में गेहूं, दलहन की बुआई शुरू हो जाती है। मटर, चना, लाई, पालक, मूली व अन्य नगदी फसलों का भी उत्पादन शुरू हो जाता है। कई स्थानों पर साग-भाजी तैयार है। पाले की वजह से इन्हें नुकसान पहुंच रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से 6,885 हेक्टेयर गेहूं की बुआई बाधित हो रही है। मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि उपराऊ क्षेत्रों में जहां नमी है, वहां कृषक रबी की बुआई कर रहे है। शुष्क क्षेत्रों में गेहूं की बुआई बाधित हो रही है। मौसम का मिजाज यही रहा तो नमी वाले क्षेत्रों में बुआई का क्रम टूट सकता है। पर्वतीय क्षेत्र में 33 हेक्टेयर में दलहन की खेती होती है। जिसमें मसूर, चना व मटर शामिल हैं।